ना नसीहतें ना बंदिशे ना खैरात बाँटने आया हूँ दोस्तों, बस आज, मैं जज्बात बाँटने आया हूँ। कोशिशें करता हूँ की बाँटू जमाने में खुशियाँ हटाकर गम के हर तिनको को, मिटा दूँ मुश्किलों के दलदल में फसी फसी सी है जिंदगी चंद लम्हों के लिए ही सही, ध्यान बटाने आया हूँ दोस्तों, बस आज, मैं जज्बात बाँटने आया हूँ। ना नसीहत ना बंदिशे ना खैरात बाँटने आया हूँ दोस्तों, बस आज, मैं जज्बात बाँटने आया हूँ।